मुंबई: भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर आज 90 साल की हो गई हैं। अपनी जादुई आवाज से लोगों के दिलों पर राज करने वाली गायिका लता मंगेशकर जिन्हें लोग प्यार से ‘लता दी’ पुकारते हैं, 30 हजार से ज्यादा गाने गाये हैं।
उन्होंने 7 दशकों तक हिंदी गानों की दुनिया में राज किया। लताजी का जन्म 28 सितंबर 1929 को महाराष्ट्र के इंदौर शहर में पंडित दीनदयाल मंगेशकर के यहां हुआ था। उनके पिता रंगमंच के जानेमाने कलाकार थे इसी कारण लता मंगेशकर को संगीत की कला विरासत में मिली। लता मंगेशकर ने अपने फिल्मी सफर की शुरूआत मराठी फिल्मों से की।
स्वर कोकिला से जुड़ी कुछ खास बातें
लता जी के पिता की अचानक मृत्यु के बाद लता मंगेशकर को आर्थिक तंगी को सामना करना पड़ा। उन्हें अभिनय करना खास पसंद नहीं था लेकिन पैसों की कमी को पूरा करने के लिए कई मराठी और हिंदी फिल्मों में काम किया। उन्होंने अपने पार्श्वगायन की शुरूआत वर्ष 1942 की मराठी फिल्म ‘कीती हसाल’ से की थी पर बाद में इस गाने को फिल्म से काट दिया गया। वर्ष 1947 में वसंत जोगलेकर ने अपनी फिल्म ‘आपकी सेवा में’ लता को गाने को मौका दिया। इसके गानों को दर्शकों ने काफी पसंद किया।
वर्ष 1949 में लता मंगेशकर ने फिल्म ‘महल’ के लिए ‘आयेगा आनेवाला’ गाया जिसे मधुबाला पर फिल्माया गया था। फिल्म भी सुपरहिट रही और मधुबाला और लता मंगेशकर दोनों के लिए यह फिल्म लकी साबित हुई। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
लता मंगेशकर को साल 1962 में स्लो प्वॉइजन दिया गया था। उस समय वह 33 साल की थीं। लेखक पद्मा सचदेव ने अपनी किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में इस बात का खुलासा किया है। उन्होंने लिखा कि,’ लता जी जब 33 साल की थी तो उन्होंने मुझे इस बारे में बताया था। एक दिन उनके पेट में तेज दर्द होने लगा। थोड़ी देर बाद उन्हें 2-3 बार उल्टी हुई जिसमें हरे रंग की कोई चीज थी।’
उन्होंने आगे लिखा,’ वह बिल्कुल चलने की हालत में नहीं थीं और उनके पूरी शरीर में तेज दर्द होने लगा। लता मंगेशकर के डॉक्टर अपनी एक्सरे मशीन लेकर उन्हें चेक करने के लिए आये। डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन दिया जिससे उन्हें नींद आ जाये। दर्द की वजह से वे सो नहीं पा रही थीं।
अगले तीन दिनों तक ऐसा था कि वह मौत के बेहद करीब थीं। आखिरकार 10 दिनों के बाद वह ठीक हो गई। डॉक्टर ने बताया कि उन्हें स्लो प्वॉइजन दिया गया था।’ पद्मा सचदेव ने लिखा,’ इस घटना के बाद सबसे चौंकानेवाली बात यह रही कि लता मंगेशकर का कुक घर से भाग गया था। लता मंगेशकर के घर में जो कुक खाना बनाता था वो इससे पहले बॉलीवुड से जुड़े कई लोगों के यहां काम कर चुका था।’
लता मंगेशकर एक ऐसी प्लेबैक सिंगर हैं जिन्हें तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 12 बार बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट अवार्ड, चार बार बेस्ट फिल्मफेयर फीमेल प्लेबैक सिंगर सहित कई अवार्ड मिले। सरकार ने उन्हें 1969 में पद्मभूषण से सम्मानित किया जबकि 2001 में उन्हें भारत रत्न दिया गया. वर्ष 1989 में उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिला था।